फैक्ट्री में आग लगी है, हर जगह अफरा-तफरी है। मैनेजर दौड़ रहे हैं, चिल्ला रहे हैं, बुझा रहे हैं।
लेकिन बॉस शांत रहता है: “अब सबसे जरूरी काम क्या है?” – “आग बुझाना!”, कोई चिल्लाता है।
“गलत”, वह कहता है। “पहले सभी लोगों को बाहर निकालो!”
यह सोच – उस पल में तय करना कि सच में क्या मायने रखता है – यही है आइवी ली की 25,000-डॉलर-मेथड का असली सार।
यह सिखाती है कि सूचियाँ सिर्फ सूचियों के लिए नहीं, बल्कि हर स्थिति में अगला निर्णायक काम जानबूझकर तय करना – और तुरंत कार्रवाई करना।
यही स्पष्टता उस समय जीवन और बाद में करोड़ों का फर्क बनी: एक साधारण सिद्धांत, जो अराजकता को व्यवस्थित करता है और उत्पादकता को विस्फोटित कर देता है।